Jaun Elia Shayari में दर्द और समझदारी का अनोखा मेल है। वो प्यार, तन्हाई और अपनी पहचान जैसे जज़्बात इस तरह बयान करते है की हर शक्श को लगता है जैसे उनकी बात हो रही हो। उनकी हर शायरी और ग़ज़ल में कुछ ऐसा होता है जो दिल को छू जाता है।
Jaun Eliya ki Shayari सिर्फ जज़्बात नही, बल्कि ज़िंदगी को समझने का एक अलग नजरिया भी है। उन्होंने ऐसी सोच रखी जो उस ज़माने में आम नही थी—जैसे कि नास्तिक सोच, अस्तित्ववाद और समाज से बगावत। शायद यही वजह है कि आज के नौजवानों में Jaun Elia की दीवानगी साफ़ दिखती है।
इसी खासियत को समझते हुए, हम आपके लिए लेकर आए है जौन एलिया की Sad, love और Emotional से भरी बेहतरीन शायरिया।
हमारे इन जौन एलिया की शायरी के अलावा और भी Ishq Shayari और Best Sad Shayari यहां पर है।
Contents
10 Best Jaun Elia Shayari in Hindi
Jaun Elia Ki Hindi Shayari दिल को छू लेने वाली गहराइयों से भरी होती है। उनकी शायरी प्यार, अकेलेपन और बगावत की कहानियाँ बताती है। यहाँ पेश हैं उनकी चुनिंदा शायरी हिंदी में, जो दिल में हमेशा के लिए बस जाएंगी।
अब नहीं कोई बात ख़तरे की,
अब सभी को सभी से ख़तरा है।

हम भी क्या ज़िंदगी गुज़ारते हैं,
ज़हर पीते हैं और मरते नहीं।
मुझसे बिछड़ के वो भी शायद अब
ज़िंदगी का शिकार हो जाए।
जो गुज़ारी न जा सकी हमसे,
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है।
तेरा मिलना ख़ुशबू की तरह था,
तेरा बिछड़ना मौसम की तरह।
अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं,
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या?
वो जो मैं हूँ बहुत उदास नहीं,
बस तुझे सोचते हुए रोया हूँ।
गुज़र तो जाती है कुछ इस तरह ज़िंदगी,
जैसे किसी पर एहसान कर रहे हों।
कभी-कभी तो ये दिल चाहता है,
तेरा नाम लेकर रो लिया जाए।
नहीं दुनिया को जब पर्वा हमारी
तो फिर दुनिया की पर्वा क्यूँ करें हम

ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
एक ही शख़्स था जहान में क्या
कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे
ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
कौन इस घर की देख-भाल करे
रोज़ इक चीज़ टूट जाती है
क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में
जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं
मुस्तक़िल बोलता ही रहता हूँ
कितना ख़ामोश हूँ मैं अंदर से
मुझे अब तुम से डर लगने लगा है
तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या
यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का
वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे
एक ही हादसा तो है और वो ये कि आज तक
बात नहीं कही गई बात नहीं सुनी गई
दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते
अब कोई शिकवा हम नहीं करते
बिन तुम्हारे कभी नहीं आई
क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है
मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन ले
अब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझ को

मैं रहा उम्र भर जुदा ख़ुद से
याद मैं ख़ुद को उम्र भर आया
अब नहीं कोई बात ख़तरे की
अब सभी को सभी से ख़तरा है
हैं दलीलें तिरे ख़िलाफ़ मगर
सोचता हूँ तिरी हिमायत में
बोलते क्यूँ नहीं मिरे हक़ में
आबले पड़ गए ज़बान में क्या
याद उसे इंतिहाई करते हैं
सो हम उस की बुराई करते हैं
उस के होंटों पे रख के होंट अपने
बात ही हम तमाम कर रहे हैं
एक ही तो हवस रही है हमें
अपनी हालत तबाह की जाए
जिस्म में आग लगा दूँ उस के
और फिर ख़ुद ही बुझा दूँ उस को
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Jaun Elia Sad Shayari
Jaun Elia ki sad shayari दिल के सबसे गहरे ज़ख्मों को आवाज़ देती है। उन्होंने अपने दर्द को ऐसे लिखा कि वो सबका अपना लगने लगा। उनकी हर बात में अकेलापन, बेबसी और टूटे रिश्तों की झलक मिलती है। यहाँ पेश हैं जौन एलिया की सबसे दिल को छू लेने वाली Sad Shayari
जो गुज़ारी न जा सकी हमसे,
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है।
अब नहीं कोई बात ख़तरे की,
अब सभी को सभी से ख़तरा है।

हम भी क्या ज़िंदगी गुज़ारते हैं,
ज़हर पीते हैं और मरते नहीं।
तेरा मिलना भी क्या था जैसे,
ख़्वाब की कोई आख़िरी झलक हो।
अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं,
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या?
मैं भी बहुत अजीब हूँ, इतना अजीब हूँ कि बस,
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।
वो जो मैं हूँ बहुत उदास नहीं,
बस तुझे सोचते हुए रोया हूँ।
ग़म है मगर शिकवा नहीं,
ये भी एक तरह की रज़ामंदी है।
गुज़र तो जाती है कुछ इस तरह ज़िंदगी,
जैसे किसी पर एहसान कर रहे हों।
सारा झगड़ा ही ख़्वाहिशों का था,
वरना मोहब्बत तो हम बेमिसाल करते थे।
मुझे अपने हाल पे छोड़ दो,
मैं बहुत उदास हूँ इन दिनों।
मेरे दिल का हाल न पूछो तुम,
जो सोचा था, वो हुआ ही नहीं।
कभी ख़ुद पे, कभी हालात पे रोना आया,
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया।
अब तो कुछ भी नहीं रहा बाक़ी,
तुमसे बिछड़ने के बाद।
तेरी बेरुख़ी ने छीन लिया मुझसे,
जो मेरा था और सिर्फ़ मेरा था – मेरा सुकून।
क्या गिला करें अब तन्हाई का,
जब दोस्त भी गैरों जैसे हो जाएँ।
मुझे ख़ुद से भी डर लगने लगा है,
इतनी तन्हाई अच्छी नहीं लगती।

वो सुकून कहाँ जो तेरे पहलू में था,
अब तो हर रात बस गुज़र जाती है।
कभी-कभी तो ये दिल चाहता है,
तेरा नाम लेकर रो लिया जाए।
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Jaun Elia Love Shayari
Juan Elia ki Love Shayari में इश्क़ का एक गहरा और दर्दभरा रूप नजर आता है। उनके शायरी में मोहब्बत भी है, शिकायत भी; अपना पन भी है और दूर होने का दर्द भी। यहाँ पढ़िए उनकी कुछ दिल छू लेने वाली Love Shayari, जो हर आशिक़ के दिल की आवाज़ हैं।
तेरा मिलना भी क्या था जैसे,
ख़्वाब की कोई आख़िरी झलक हो।
तुम जो इतना मुस्कुरा रहे हो,
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो?

अब नहीं कोई बात ख़तरे की,
अब सभी को सभी से ख़तरा है।
हमें तो अपने इश्क़ पर इतना यक़ीन है,
जो हमें खो दे वो यक़ीनन रोएगा।
हम तुम्हें किस तरह से चाहें,
तुम हर तरह से लाजवाब हो।
तुमसे मिलकर अब कोई चाह नहीं रही,
तुम जो मिल गए हो तो हर चीज़ मिल गई।
इश्क़ था या वहम, पता नहीं चला,
बस तुम्हें सोचते रहे उम्र भर।
तेरा नाम लूँ ज़बां से,
ये मर्ज़ भी अब नहीं रहा।
वो जो तुमसे मोहब्बत करके भी चुप रहे,
वो दर्द आज तक सबसे जुदा है।
तुम्हारी ज़िद थी कि हम मुस्कुराएँ,
सो लो अब ये हुनर भी सीख लिया हमने।
तुम्हारे बाद हर शख़्स अधूरा लगा,
जैसे कोई ख़्वाब अधूरा रह गया हो।
मैंने इश्क़ किया था, कोई खेल नहीं था,
दिल लगाया था, सौदा नहीं था।
मुझे अब तेरा ही ख़्याल रहता है,
हर वक़्त, हर जगह, हर हाल रहता है।
बहुत दिलकश हो तुम,
इसीलिए तन्हा कर गए।
इश्क़ ने ग़म दे दिए,
और हम फिर भी मोहब्बत करते रहे।
हर बात में तेरा ज़िक्र करना,
अब आदत बन गई है।
कहाँ से लाऊँ वो लफ़्ज़,
जो तेरे बिना दिल को समझा सकें।
तुमसे मिलकर ज़िंदगी कुछ और हो गई,
जैसे किसी वीराने में बहार आ गई।
हमारी मोहब्बत का बस इतना सा फ़साना है,
तुम मिले नहीं और हम किसी और के हुए नहीं।

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Jaun Elia Urdu Shayari
Jaun Elia ki Urdu Shayari अदब की दुनिया में एक बेमिसाल विरासत है। उनकी हर लाइन एक सवाल जैसी लगती है, जो दिल और दिमाग दोनों को छू जाती है। यहाँ पढ़िए जौन एलिया की कुछ चुनिंदा Urdu Shayari, जो हर दौर के लिए ख़ास है।
जो गुज़ारी न जा सकी हमसे,
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है।

अब नहीं कोई बात ख़तरे की,
अब सभी को सभी से ख़तरा है।
मैं भी बहुत अजीब हूँ, इतना अजीब हूँ कि बस,
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।
तुम जो इतने अच्छे हो,
तो फिर इतने तन्हा क्यों हो?
ग़म है मगर शिकवा नहीं,
ये भी एक तरह की रज़ामंदी है।
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है,
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है?
तुम से मिलकर अब कोई तमन्ना नहीं रही,
क्या कहें इस तरह मोहब्बत तमाम हो गई।
तेरा मिलना भी क्या था,
जैसे कोई उजड़ा शहर आबाद हो गया।

अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं,
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या?
बहुत ख़ुश हूँ तेरे बग़ैर भी अब मैं,
कभी-कभी ही तन्हाई में रो लेता हूँ।
तन्हा तन्हा मत सोचा कर,
तेरी बातें भी तेरी तरह रुला देती हैं।
कभी ये दिल कभी वो दिल,
हर किसी से लगाना पड़ा हमें।
हम ने मोहब्बत के नाम पर,
सब कुछ लुटा दिया और कुछ भी नहीं पाया।
हमें तो अपने इश्क़ पर इतना यक़ीन है,
जो हमें खो दे वो यक़ीनन रोएगा।
मैं अब भी रोता हूँ,
लेकिन अब आवाज़ नहीं आती।
तेरा नाम लूँ ज़बां से,
ये मर्ज़ भी अब नहीं रहा।
मैं भी एक इंसान ही था,
इश्क़ ने कुछ और बना दिया।
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Jaun Elia Two Line Shayari
Jaun Elia ki two line Shayari में पूरा एक जहां बसता है। उनका हर शेर एक अनुभव है, एक एहसास है, जो सीधा दिल तक पहुँचता है । तो यहा आपके सामने पेश है जौन एलिया की कुछ मशहूर दो लाइन शायरियाँ।
अब नहीं कोई बात ख़तरे की,
अब सभी को सभी से ख़तरा है।
जो गुज़ारी न जा सकी हमसे,
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है।
मैं भी बहुत अजीब हूँ, इतना अजीब हूँ कि बस,
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।

तुमसे मिलकर अब कोई तमन्ना नहीं रही,
क्या कहें इस तरह मोहब्बत तमाम हो गई।
अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं,
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या?
हमने किस-किस से मोहब्बत की,
ये हिसाब अब याद नहीं।
तन्हाई की सज़ा है,
या मोहब्बत का इनाम?
तुम्हारे बाद हर लफ़्ज़ अधूरा सा लगता है,
जैसे हर जुमले से तुम ग़ायब हो।
बहुत दिलकश हो तुम,
इसीलिए तन्हा कर गए।
कुछ अजीब सा रिश्ता है उससे,
जैसे बात अधूरी हो, पर खत्म भी नहीं।
इश्क़ की गहराई भी क्या चीज़ है,
डूब कर भी लोग जी उठते हैं।
हम जो रोए तो बहुत कुछ बह गया,
तन्हाई, तक़रीरें और मोहब्बत।
ख़ुशी मिल भी जाए तो क्या,
हम तो ग़म के आदी हैं।
ज़िंदगी अब तुझसे डर सा लगता है,
कहीं फिर से मोहब्बत न हो जाए।

अब तो आदत है हर दर्द सहने की,
तुम्हें खो कर भी ज़िंदा हैं, ये क्या कम है?
तुम जो इतना मुस्कुरा रहे हो,
क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो?
हम को अब तेरा ग़म नहीं होता,
पर याद बहुत आते हो।
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Conclusion: Jaun Elia Shayari
Jaun Elia Shayari सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नहीं, एक सोच, एक दर्द और एक विद्रोह है। उन्होंने प्यार और अकेलेपन की बात एक अलग तरीके से कही। आज भी उनके शेर हर टूटे दिल की आवाज़ बन गए हैं।
जौन एलिया ने उर्दू शायरी को बौद्धिकता और भावनाओं की एक नई दिशा दी। जौन एलिया ने शायरी को एक नया रास्ता दिया, जिसमें दिल की बात और दिमाग़ की उलझन साथ चलती है। उनके शेर ऐसे हैं जो कभी पुराने नहीं होते।
Jaun Elia ki Shayari एक ऐसा आईना है जिसमें हर कोई अपनी कहानी देख सकता है। उन्होंने प्यार और अकेलेपन जैसे हर एहसास को अच्छे से लिखा है। उनकी शायरी आगे भी लोगों को ऐसे ही छूती रहेगी।
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